They always want to become ahead of others, and there is nothing wrong with that.
But, when a call to act differently makes its sound, they miss it knowingly and again make themselves comfortable among their old crowd.
Are you, any one of such wanters ?
वे हमेशा दूसरों से आगे निकलने की इच्छा रखते हैं , और इसमें कुछ भी गलत नहीं है ।
लेकिन , जब अलग ढंग से कार्य करने का आह्वान होता है , तो वे जानबूझकर इसे चूक जाते हैं और फिर से अपनी पुरानी भीड़ के बीच खुद को सहज बना लेते हैं ।
क्या आप भी , ऐसी इच्छा रखने वालों में से एक हैं ?
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